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30 Mar 2024 · 1 min read

सच

सबको अपना सच सच लगता है
दूसरे का पक्ष बस गप लगता है
कौन- सा सच बस सच ही होगा
फैसला निष्पक्ष ही कर सकता है।

पर सच सच में सामने नहीं आता
सच को सामने नहीं लाया जाता
क्या सच में सच कड़वा होता है
क्यों सच स्वार्थ में भड़वा होता है

सच को सच नहीं कह पाता कोई
झूठ पर ही क्यों इतराता हर कोई
सत्यमेव जयते का कोई अर्थ नहीं
झूठ का महिमामंडन करता हर कोई ।

हम हैं और है हमारी देह यह सच है
सांसों का अनवरत चलना भी सच है
एक दिन होगा अवसान यह भी सच है
अजर अमर रहेगी आत्मा यह सच है।

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