Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Mar 2024 · 1 min read

* चांद के उस पार *

** मुक्तक **
~~
कल्पनाओं में नये कुछ रंग भरने चाहिए।
मेघ नभ पर भी छितरते कुछ उमड़ने चाहिए।
चांद के उस पार जाने की तमन्ना को लिए।
प्यार के पंछी प्रवासी भी निकलने चाहिए।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
शाम ढलती जा रही है लालिमा लेकर नयी।
चन्द्रमा पर श्वेत आभा दिख रही आभामयी।
लग रहे ज्यों स्पर्श करते चोंच से शशि को सहज।
पाखियों सँग है बनी दृश्यावली महिमामयी।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
चाहते हैं खूब मन में खिलखिलाती जा रही।
स्नेह की कश्ती समुंदर में बहाती जा रही।
डूबते ही जा रहे मन भावनाओं में गहन।
प्रेम रस में एक दूजे को मिलाती जा रही।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

1 Like · 1 Comment · 142 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

इस नदी की जवानी गिरवी है
इस नदी की जवानी गिरवी है
Sandeep Thakur
മുളകൊണ്ടുള്ള കാട്ടിൽ
മുളകൊണ്ടുള്ള കാട്ടിൽ
Otteri Selvakumar
मां तेरे आंचल से बढ़कर कोई मुझे न दांव रहता है।
मां तेरे आंचल से बढ़कर कोई मुझे न दांव रहता है।
Rj Anand Prajapati
हमनवा हमनवा
हमनवा हमनवा
दीपक झा रुद्रा
प्रेरणा
प्रेरणा
Shyam Sundar Subramanian
शीर्षक - पानी
शीर्षक - पानी
Neeraj Kumar Agarwal
सब ठीक है ।
सब ठीक है ।
Roopali Sharma
जिंदा रहने के लिए
जिंदा रहने के लिए
Sudhir srivastava
मां! बस थ्हारौ आसरौ हैं
मां! बस थ्हारौ आसरौ हैं
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
वक्त वक्त की बात है आज आपका है,तो कल हमारा होगा।
वक्त वक्त की बात है आज आपका है,तो कल हमारा होगा।
पूर्वार्थ
दहेज की जरूरत नही
दहेज की जरूरत नही
भरत कुमार सोलंकी
"मुश्किल हो गया"
Rekha Sharma "मंजुलाहृदय"
शीश झुकाएं
शीश झुकाएं
surenderpal vaidya
टापू
टापू
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
"शब्द"
Dr. Kishan tandon kranti
चिड़िया
चिड़िया
Kanchan Khanna
मोहब्बत की राहों मे चलना सिखाये कोई।
मोहब्बत की राहों मे चलना सिखाये कोई।
Rajendra Kushwaha
मित्र का प्यार
मित्र का प्यार
Rambali Mishra
संवेदना
संवेदना
नेताम आर सी
..
..
*प्रणय प्रभात*
होली आई रे
होली आई रे
Mukesh Kumar Sonkar
मात पिता का आदर करना
मात पिता का आदर करना
Dr Archana Gupta
गिरगिट
गिरगिट
Shutisha Rajput
होती जब वर्षा की कहर
होती जब वर्षा की कहर
उमा झा
बचपन के दिन
बचपन के दिन
Surinder blackpen
क्यूँ ये मन फाग के राग में हो जाता है मगन
क्यूँ ये मन फाग के राग में हो जाता है मगन
Atul "Krishn"
नया साल
नया साल
Mahima shukla
हमारी भतीजी
हमारी भतीजी
Ravi Prakash
इश्क़ में ना जाने क्या क्या शौक़ पलता है,
इश्क़ में ना जाने क्या क्या शौक़ पलता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
- अनकहे जज्बात -
- अनकहे जज्बात -
bharat gehlot
Loading...