Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Mar 2024 · 1 min read

खुद से भी सवाल कीजिए

खुद से भी सवाल कीजिए

जरा – जरा सी बात पर न बवाल कीजिए,
कभी तो आप खुद से भी सवाल कीजिए।

अरे! वो इश्क पे जाँ निसार करने वालो,
माँ बाप के इज्ज़त का भी ख्याल कीजिए।

बाद में तुम ही बेरोजगारी का रोना रोओगे,
वक्त की बर्बादी पर कुछ तो मलाल कीजिए।

संघर्ष के रास्ते ही सफलता मिलती है सच,
अपने हाथ ही भविष्य न हलाल कीजिए।

नहीं होगा कभी कोई चमत्कार बात मान,
मेहनत से जीवन अपना खुशहाल कीजिए।

पछताना न पड़े कल अपनी किये पर आपको,
यार आज समय का उचित इस्तेमाल कीजिए।

ख्याली जग से हकीकत की दुनिया में आइए,
कुछ न होगा हासिल,जीना न मुहाल कीजिए।

Language: Hindi
1 Like · 169 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जिंदगी जीने के दो ही फ़ेसले हैं
जिंदगी जीने के दो ही फ़ेसले हैं
Aisha mohan
"" *सुनीलानंद* ""
सुनीलानंद महंत
विद्यार्थी जीवन
विद्यार्थी जीवन
Santosh kumar Miri
सूरज नहीं थकता है
सूरज नहीं थकता है
Ghanshyam Poddar
नया
नया
Neeraj Kumar Agarwal
संवेदना क्या है?
संवेदना क्या है?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
किराये के मकानों में
किराये के मकानों में
करन ''केसरा''
#शीर्षक:-तो क्या ही बात हो?
#शीर्षक:-तो क्या ही बात हो?
Pratibha Pandey
कहा था न, एक रोज सब आम हो जाता है!
कहा था न, एक रोज सब आम हो जाता है!
पूर्वार्थ
हम बस भावना और विचार तक ही सीमित न रह जाए इस बात पर ध्यान दे
हम बस भावना और विचार तक ही सीमित न रह जाए इस बात पर ध्यान दे
Ravikesh Jha
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
यक्ष प्रश्न
यक्ष प्रश्न
Shashi Mahajan
2668.*पूर्णिका*
2668.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
Rj Anand Prajapati
- कल तक कोई हाल - चाल न पूछता था -
- कल तक कोई हाल - चाल न पूछता था -
bharat gehlot
ग़ज़ल (गहराइयाँ ग़ज़ल में.....)
ग़ज़ल (गहराइयाँ ग़ज़ल में.....)
डॉक्टर रागिनी
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बिल्ली की तो हुई सगाई
बिल्ली की तो हुई सगाई
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
तेरे साथ गुज़रे वो पल लिख रहा हूँ..!
तेरे साथ गुज़रे वो पल लिख रहा हूँ..!
पंकज परिंदा
हो जाती है साँझ
हो जाती है साँझ
sushil sarna
मैं एक अँधेरी गुफा में बंद हूँ,
मैं एक अँधेरी गुफा में बंद हूँ,
लक्ष्मी सिंह
मित्र और मित्रता
मित्र और मित्रता
Sudhir srivastava
"ख़्वाहिश"
ओसमणी साहू 'ओश'
आतम अनुभव
आतम अनुभव
Nitesh Shah
"गुस्सा थूंको"
Dr. Kishan tandon kranti
..
..
*प्रणय*
सारी जिंदगी कुछ लोगों
सारी जिंदगी कुछ लोगों
shabina. Naaz
अन्याय करने से ज्यादा बुरा है अन्याय सहना
अन्याय करने से ज्यादा बुरा है अन्याय सहना
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
ब्रह्मचारिणी रूप है, दूजा मां का आज .
ब्रह्मचारिणी रूप है, दूजा मां का आज .
RAMESH SHARMA
*जिसका सुंदर स्वास्थ्य जगत में, केवल वह धनवान है (हिंदी गजल)
*जिसका सुंदर स्वास्थ्य जगत में, केवल वह धनवान है (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
Loading...