Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

सावन

देखो नील गगन में कैसा मनोरम दृश्य है
उदित हुआ सुर्य नभ में तारादल अदृश्य है
भानु रश्मि बिखरे नभ से धरा तक
मानों द्वार पर जगा रहा नव आगन्तुक
पुष्प होकर प्रफुल्लित करता स्वागत
भंवर गुज़ार कर छेड़ रहा अपनी तान
वर्षा की बूंदों की लग रही झड़ी
मधुर गान गाने कोयल डाल पर खडी
धरा ओढ़े हुए हरित वर्ण चुनर सुहानी
देखो आज गई सावन की रुत मस्तानी

Language: Hindi
156 Views
Books from Neha
View all

You may also like these posts

बेहद मुख्तसर सी
बेहद मुख्तसर सी
हिमांशु Kulshrestha
ऐ ख़ुदा इस साल कुछ नया कर दें
ऐ ख़ुदा इस साल कुछ नया कर दें
Keshav kishor Kumar
जीनी है अगर जिन्दगी
जीनी है अगर जिन्दगी
Mangilal 713
शांत नगरिया राम की, रामनगर है नाम।
शांत नगरिया राम की, रामनगर है नाम।
डॉ.सीमा अग्रवाल
नाइजीरिया
नाइजीरिया
Shashi Mahajan
जनहरण घनाक्षरी
जनहरण घनाक्षरी
Rambali Mishra
*श्री शक्तिपीठ दुर्गा माता मंदिर, सिविल लाइंस, रामपुर*
*श्री शक्तिपीठ दुर्गा माता मंदिर, सिविल लाइंस, रामपुर*
Ravi Prakash
❤️ DR ARUN KUMAR SHASTRI ❤️
❤️ DR ARUN KUMAR SHASTRI ❤️
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मंदिर में मिलेगा न शिवालों में  मिलेगा
मंदिर में मिलेगा न शिवालों में मिलेगा
Shweta Soni
ज़रूरत से ज़्यादा
ज़रूरत से ज़्यादा
*प्रणय*
अच्छा होगा
अच्छा होगा
Madhuyanka Raj
तुम और मैं
तुम और मैं
NAVNEET SINGH
राम बनो, साकार बनो
राम बनो, साकार बनो
Sanjay ' शून्य'
एक ज्योति प्रेम की...
एक ज्योति प्रेम की...
Sushmita Singh
आध्यात्मिक दृष्टि से जीवन जीना आवश्यक है, तभी हम बाहर और अंद
आध्यात्मिक दृष्टि से जीवन जीना आवश्यक है, तभी हम बाहर और अंद
Ravikesh Jha
दिल के इस दर्द को तुझसे कैसे वया करु मैं खुदा ।
दिल के इस दर्द को तुझसे कैसे वया करु मैं खुदा ।
Phool gufran
দিনের পরে দিন গুনে হয়ে যায়
দিনের পরে দিন গুনে হয়ে যায়
goutam shaw
" कविता और प्रियतमा
DrLakshman Jha Parimal
अपनी कलम से.....!
अपनी कलम से.....!
singh kunwar sarvendra vikram
जिन नयनों में हों दर्द के साये, उसे बदरा सावन के कैसे भाये।
जिन नयनों में हों दर्द के साये, उसे बदरा सावन के कैसे भाये।
Manisha Manjari
*वोट हमें बनवाना है।*
*वोट हमें बनवाना है।*
Dushyant Kumar
संग दिल जहां
संग दिल जहां
ओनिका सेतिया 'अनु '
4018.💐 *पूर्णिका* 💐
4018.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
प्यार के बदले यहाँ प्यार कहाँ मिलता है
प्यार के बदले यहाँ प्यार कहाँ मिलता है
आकाश महेशपुरी
हर रात रंगीन बसर करने का शौक़ है उसे,
हर रात रंगीन बसर करने का शौक़ है उसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"मेरे अल्फ़ाज़"
Dr. Kishan tandon kranti
तुमने की दग़ा - इत्तिहाम  हमारे नाम कर दिया
तुमने की दग़ा - इत्तिहाम  हमारे नाम कर दिया
Atul "Krishn"
देश के संविधान का भी
देश के संविधान का भी
Dr fauzia Naseem shad
बुन रही हूँ,
बुन रही हूँ,
लक्ष्मी सिंह
अर्ज़ है ... हर ज़ाम में डुबते है महफ़िल सजाने को , ये कह कर
अर्ज़ है ... हर ज़ाम में डुबते है महफ़िल सजाने को , ये कह कर
ज्योति
Loading...