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16 Feb 2024 · 1 min read

*अभी और कभी*

है जो अभी उसका सम्मान करो
होगा जो कभी किसने देखा है
जीना सीखो अभी में यारों तुम
यही सफलता का सलीका है

है जो अभी उसको दिल से जीयो
क्यों खोए हो सुनहरी कल के सपनों में तुम
मेहनत करोगे गर अभी तुम
सुधार पाओगे तभी अपना कभी तुम

जो था कभी पास तुम्हारे
वो तो कल की बात हो गई अब
याद करना अच्छा है उसे भी कभी
लेकिन आगे बढ़ना होगा तुम्हें अब

आगे बढ़ने के लिए आज में जीना होगा
सोचने का नहीं, है कुछ करने का समय अब
मुक़ाम कोई हासिल कर पाओगे तभी फिर कभी तुम
अगर कोशिश करोगे उसे पाने की आज तुम

है बुरा ये ज़माना बहुत
चढ़ते सूरज को ही सलाम करता है
करेगा मेहनत आज तो अच्छा होगा कल
फिर तू किस बात से डरता है

कल क्या था और कल क्या होगा
ये सोचने में समय गंवाना व्यर्थ है
जान ले तू ये, तेरा कल बदलने में
और कोई नहीं, तेरा आज समर्थ है।

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Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
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