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5 Feb 2024 · 1 min read

तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।

तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
तुम अगर सरगम बनो, संगीत मैं बन जाऊंगा ।।
मैं हृदय का राग बनकर, गुनगुनाऊँगा तुम्हें ।
तुम मेरे मन में बहो तो, मीत मैं बन जाऊंगा ।।
-जगदीश शर्मा सहज

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