Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2024 · 1 min read

दर्द को मायूस करना चाहता हूँ

मैं तुम्हारे प्यार की लौ के लिए
हसरतों को फूस करना चाहता हूँ।
हर घड़ी हरदम तुम्हें, केवल तुम्हें,
हाँ तुम्हें महसूस करना चाहता हूँ।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

यूँ तमन्ना है तुम्हारे साथ की,
मैं बनूँ वीणा तुम्हारे हाथ की,
ख्वाब के लाचार खग को चार पर दे दो,
बेसुरे इस तार को झंकार भर दे दो।
मैं तुम्हारी नर्म नाजुक छुअन से,
प्रेमधुन महसूस करना चाहता हूँ।।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

ठेठ तन्हाई में इतना खप चुका हूँ।
जेठ जैसा माघ फागुन तप चुका हूँ।
कैद होकर प्रेम के पाबंद नगरों में।
रोज भीगा बारिशों में बंद कमरों में।
रोज सावन और भादों जी चुका अब
मौसमों को पूस करना चाहता हूँ।।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

प्यार की रुत दूर जाते देखता हूँ।
गमों को खुशियाँ मनाते देखता हूँ।
मैं तुम्हारा दर्द सारा माँगता हूँ।
मुस्कराने का सहारा माँगता हूँ।
मुस्कराकर दर्द के ही दौर में,
दर्द को मायूस करना चाहता हूँ।।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

आँधियाँ हैं दीप की परवाह है मुझको।
मैं पतंगा रोशनी की चाह है मुझको।
चाह है मैं रूप का किस्सा बनूँ।
मैं तुम्हारी धूप का हिस्सा बनूँ।
बना दिल को घर तुम्हारा , दर जिगर को
यह नज़र फानूस करना चाहता हूँ।।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

संजय नारायण

Language: Hindi
132 Views

You may also like these posts

आम, नीम, पीपल, बरगद जैसे बड़े पेड़ काटकर..
आम, नीम, पीपल, बरगद जैसे बड़े पेड़ काटकर..
Ranjeet kumar patre
बिजली
बिजली
अरशद रसूल बदायूंनी
ये विज्ञान हमारी शान
ये विज्ञान हमारी शान
Anil Kumar Mishra
तीस की उम्र में
तीस की उम्र में
Urmil Suman(श्री)
खुद पर ही
खुद पर ही
Dr fauzia Naseem shad
मेरी दुनियाँ.....
मेरी दुनियाँ.....
Naushaba Suriya
खर्च कितना करें
खर्च कितना करें
मधुसूदन गौतम
जीवन है अनमोल
जीवन है अनमोल
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
माँ
माँ
SHAMA PARVEEN
विश्व टीकाकरण सप्ताह
विश्व टीकाकरण सप्ताह
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मिट्टी
मिट्टी
Sudhir srivastava
" सबक "
Dr. Kishan tandon kranti
मुहब्बत है साहब तिजारत नहीं है
मुहब्बत है साहब तिजारत नहीं है
Mahesh Tiwari 'Ayan'
पराया
पराया
Mansi Kadam
यह जो पका पकाया खाते हैं ना ।
यह जो पका पकाया खाते हैं ना ।
SATPAL CHAUHAN
जब विस्मृति छा जाती है, शाश्वतता नजर कहाँ आती है।
जब विस्मृति छा जाती है, शाश्वतता नजर कहाँ आती है।
Manisha Manjari
प्यार का दुश्मन ये जमाना है।
प्यार का दुश्मन ये जमाना है।
Divya kumari
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
Rj Anand Prajapati
देख स्वप्न सी उर्वशी,
देख स्वप्न सी उर्वशी,
sushil sarna
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
विधा
विधा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
*चलो नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं*.....
Harminder Kaur
"যবনিকা"
Pijush Kanti Das
#तेवरी (देसी ग़ज़ल)
#तेवरी (देसी ग़ज़ल)
*प्रणय*
*कर्ज लेकर एक तगड़ा, बैंक से खा जाइए 【हास्य हिंदी गजल/गीतिका
*कर्ज लेकर एक तगड़ा, बैंक से खा जाइए 【हास्य हिंदी गजल/गीतिका
Ravi Prakash
स्वयं अपने चित्रकार बनो
स्वयं अपने चित्रकार बनो
Ritu Asooja
‌सोच हमारी अपनी होती हैं।
‌सोच हमारी अपनी होती हैं।
Neeraj Agarwal
ऐसा टूटा हूं कि, बिखर नहीं सकता।
ऐसा टूटा हूं कि, बिखर नहीं सकता।
श्याम सांवरा
3968.💐 *पूर्णिका* 💐
3968.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...