Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2024 · 2 min read

सौवां पाप

प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकराने वाले
एक नेताजी जी को जब मैंने फोन किया,
और निमंत्रण ठुकराने का कारण पूछा,
तो उन्होंने बड़े गर्व से जो बताया
उससे तो मैं अंदर तक हिल गया।
नेताजी ने कहा – मैं तुम्हें बेवकूफ लगता हूं क्या?
मैं नेता हूँ, मौके फायदा उठाना जानता हूं,
मैंने निमंत्रण बहुत सोच समझकर ठुकराया है
अपने पापों का घड़ा भरने के लिए
बस सौंवे पाप की मुझे जरूरत है,
जिसके लिए कुछ बड़ा करने की सोच रहा था
निमंत्रण पत्र ने वो विकल्प दे दिया
उसे पूरा करने का मैं अंतिम पाप कर रहा हूं,
इसलिए निमंत्रण पत्र ठुकराया हूँ।
समझ गये या फिर से समझाऊं
प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण क्यों ठुकरा रहा हूं,
मोक्ष पाने के लिए राम जी को
क्रोध दिलाने का यह अंतिम उपाय कर रहा हूं,
जिसे राम जी ने ससम्मान मुझे खुद ही दे दिया है,
उसका प्राण प्रण से उपयोग करने का
मैँ अपने साथियों के साथ मिलकर
एक अंतिम बार अनूठा प्रयोग कर रहा हूं,
बड़े समझदार हो तो तुम ही बता दो
आखिर मैं कौन सा गुनाह कर रहा हूं?
रावण की तरह अपना स्वार्थ ही तो सिद्ध कर रहा हूं
वंश कुल, खानदान के मोक्ष का इंतजाम
घर बैठे बैठे करने का अनूठा काम ही तो कर रहा हूं,
सफलता के साथ सौवां पाप करने का
ईमानदारी से अंतिम प्रयास कर रहा हूँ,
बस इसीलिए मित्र! प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण पत्र
बड़ी शान से होशोहवास में ठुकरा रहा हूँ,
मुफ्त में टी बी अखबार और सोशल मीडिया में
चर्चा का केंद्र बिंदु बन इतना प्रचार, प्रसार पा रहा हूं,
और घर में आराम फरमा रहा हूं,
रजाई में दुबका अपना ही समाचार टी बी पर देख रहा हूँ,
साथ में चाय पकौड़ी का आनन्द उठा रहा हूँ,
फोन रख दो नहीं तो अब मैं ही रख रहा हूँ।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

1 Like · 106 Views

You may also like these posts

🙌🍀🪧 You can seem like a millionaire
🙌🍀🪧 You can seem like a millionaire
पूर्वार्थ
भीमराव निज बाबा थे
भीमराव निज बाबा थे
डिजेन्द्र कुर्रे
परिणति
परिणति
Shyam Sundar Subramanian
मस्त बचपन
मस्त बचपन
surenderpal vaidya
रिश्तों में आपसी मजबूती बनाए रखने के लिए भावना पर ध्यान रहना
रिश्तों में आपसी मजबूती बनाए रखने के लिए भावना पर ध्यान रहना
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जहाँ सुकून है,
जहाँ सुकून है,
लक्ष्मी सिंह
एक शे’र / मुसाफ़िर बैठा
एक शे’र / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
मेरे पूर्वज सच लिखकर भूखे सोते थे
मेरे पूर्वज सच लिखकर भूखे सोते थे
Ankita Patel
नादान था मेरा बचपना
नादान था मेरा बचपना
राहुल रायकवार जज़्बाती
टिमटिमाता समूह
टिमटिमाता समूह
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
"बेहतर तरीका"
Dr. Kishan tandon kranti
भविष्य प्रश्न
भविष्य प्रश्न
आशा शैली
दिल को चाहत तो है
दिल को चाहत तो है
हिमांशु Kulshrestha
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
Manisha Manjari
..
..
*प्रणय*
मैं कौन हूँ
मैं कौन हूँ
Chaahat
मजदूर है हम
मजदूर है हम
Dinesh Kumar Gangwar
एक वही मलाल,एक वही सवाल....
एक वही मलाल,एक वही सवाल....
Ritesh Deo
नववर्ष की शुभकामना
नववर्ष की शुभकामना
manorath maharaj
बाबा साहब आ जा
बाबा साहब आ जा
Mahender Singh
बरखा
बरखा
Neha
फुर्सत नहीं है
फुर्सत नहीं है
Dr. Rajeev Jain
*आओ सब जन पार्क में, करो नित्य ही योग (कुंडलिया)*
*आओ सब जन पार्क में, करो नित्य ही योग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
पूछूँगा मैं राम से,
पूछूँगा मैं राम से,
sushil sarna
काश यह रिवाज हमारे यहाँ भी होता,
काश यह रिवाज हमारे यहाँ भी होता,
Shakil Alam
3253.*पूर्णिका*
3253.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरी आँखो से...
मेरी आँखो से...
Santosh Soni
इतवार का दिन
इतवार का दिन
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
कश्मीर
कश्मीर
Rekha Drolia
This Love That Feels Right!
This Love That Feels Right!
R. H. SRIDEVI
Loading...