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16 Jan 2024 · 1 min read

“ग़ौरतलब”

“ग़ौरतलब”
सोचो, जिन्दगी की राह में
कौन किसका होता है,
परछाइयाँ भी साथ छोड़ देती
जब अन्धेरा होता है।

9 Likes · 5 Comments · 165 Views
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