Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jan 2024 · 2 min read

*कर्मफल सिद्धांत*

कर्मफल सिद्धांत
कर्म भूमि पर हम जन्म लेकर आएं हैं तो जीवन जीने के लिए ईश्वर ने हमें कर्म बंधन में बांधे रखा हुआ है और इस जन्म में जो कर्म कर रहे हैं वो अगले जन्मों तक हमारा सुरक्षित रखा गया है जो भी कर्म करते जा रहे हैं सभी चीजों का लेखा जोखा चित्रगुप्त जी के पास है।
अगर हम अच्छे कर्म कर रहे हैं तो उसका प्रभाव पिछले जन्म से भी जुड़ा हुआ है आखिरकार हमने जो पिछला कमाया पुण्य है वो अभी इस जन्म में मिल रहा है।
इस जन्म का संचित कर्म पुनः जुड़ते चले जा रहा है।
कर्म प्रधान विश्व करी राखा
जो जस करही तस फल चाखा
यह चौपाई हम सभी के जीवन पर आधारित है।
अर्थात जो जैसा कर्म करेगा उसे वैसा ही फल चखने को मिलेगा।
इसलिए कहा जाता है कि कोई भी कर्म सोच समझकर कीजिए अन्यथा उसका प्रभाव बुरा होता है लेकिन शायद लोग ऐसे ही मान लेते है बाद में पता चलता है कि पिछले जन्म में कुछ भी बुरा कर्म किया होगा आज उसी का परिणाम भुगत रहे हैं।
इसलिए कर्म को ही प्रधानता देना जरूरी है वरना बाद में पछतावा ही हाथ लगेगा।
अच्छे कर्म का अच्छा परिणाम मिलता है और बुरे कर्म का बुरा नतीजा मिलता है
अब ये हमें ही तय करना है कि हम कौन से अच्छे कर्म करे जिससे कि अगले जन्मों में भी हम पूरी तरह सुखद संतुष्ट होकर अपने जीवन जीने की शैली को अपनाएं।
कर्म अच्छे करते रहने से सुखी संतुष्ट होकर सात्विक विचार रख सकते है और सुकून शांति मिलती है।
दूसरी तरफ गलत कर्म करने से नकारात्मक ऊर्जा शक्ति व गलत तरीके से काम करने से दोषी करार पाए जाते है और कार्मिक बंधन से बंध कर गलत रास्ता अपनाते हुए
नरक गामी की ओर कदम बढ़ाते हुए गर्त मे चले जाते है।
अब ये फैसला खुद करना है कि कर्म कैसा करें।
अच्छे कर्म का अच्छा परिणाम बुरे कर्म का बुरा असर पड़ता है।
शशिकला व्यास शिल्पी✍️

458 Views

You may also like these posts

पुरुष की वेदना और समाज की दोहरी मानसिकता
पुरुष की वेदना और समाज की दोहरी मानसिकता
पूर्वार्थ
भुक्त - भोगी
भुक्त - भोगी
Ramswaroop Dinkar
"इन्तेहा" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हर फूल खुशबुदार नहीं होता./
हर फूल खुशबुदार नहीं होता./
Vishal Prajapati
कहो क्यों लोग कहते हैं
कहो क्यों लोग कहते हैं
DrLakshman Jha Parimal
एक सफल प्रेम का दृश्य मैं बुन रहा।
एक सफल प्रेम का दृश्य मैं बुन रहा।
Abhishek Soni
दो व्यक्ति जो वार्तालाप करते है वह है कि क्या ,वह मात्र शब्द
दो व्यक्ति जो वार्तालाप करते है वह है कि क्या ,वह मात्र शब्द
Ashwini sharma
वो मुझे रूठने नही देती।
वो मुझे रूठने नही देती।
Rajendra Kushwaha
जाने कैसी इसकी फ़ितरत है
जाने कैसी इसकी फ़ितरत है
Shweta Soni
सुप्रभात
सुप्रभात
navneetchaudhary7788
थोड़ी सी तो आस रख,
थोड़ी सी तो आस रख,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कविता
कविता
Meera Thakur
दाल गली खिचड़ी पकी,देख समय का  खेल।
दाल गली खिचड़ी पकी,देख समय का खेल।
Manoj Mahato
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
खुश वही है जिंदगी में जिसे सही जीवन साथी मिला है क्योंकि हर
खुश वही है जिंदगी में जिसे सही जीवन साथी मिला है क्योंकि हर
Ranjeet kumar patre
” असंतुष्टि की गाथा “
” असंतुष्टि की गाथा “
ज्योति
ज़िंदगी में वो भी इम्तिहान आता है,
ज़िंदगी में वो भी इम्तिहान आता है,
Vandna Thakur
आदि विद्रोही-स्पार्टकस
आदि विद्रोही-स्पार्टकस
Shekhar Chandra Mitra
सफलता उस लहलहाती फ़सल की तरह है,
सफलता उस लहलहाती फ़सल की तरह है,
Ajit Kumar "Karn"
साथ मेरे था
साथ मेरे था
Dr fauzia Naseem shad
कुछ फूल खुशबू नहीं देते
कुछ फूल खुशबू नहीं देते
Chitra Bisht
तुम्हारी दुआ।
तुम्हारी दुआ।
सत्य कुमार प्रेमी
बता देना।
बता देना।
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
* वर्षा ऋतु *
* वर्षा ऋतु *
surenderpal vaidya
3326.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3326.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
तुम्हारा यूँ लाड़ लड़ाना
तुम्हारा यूँ लाड़ लड़ाना
ललकार भारद्वाज
" ठेस "
Dr. Kishan tandon kranti
रक्षाबंधन के शुभअवसर में
रक्षाबंधन के शुभअवसर में "सोज" के दोहे
Priyank Khare
सेहत अच्छी हो सदा , खाओ केला मिल्क ।
सेहत अच्छी हो सदा , खाओ केला मिल्क ।
Neelofar Khan
Interest
Interest
Bidyadhar Mantry
Loading...