तुझको को खो कर मैंने खुद को पा लिया है।
जीवन में चलते तो सभी हैं, मगर कोई मंजिल तक तो कोई शिखर तक ।।
कभी-कभी दुख नदी के तेज बहाव की तरहा आता है ऐसे लगता है सब कु
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
सुबह-सुबह की चाय और स़ंग आपका
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
ग़ज़ल _ मंज़िलों की हर ख़बर हो ये ज़रूरी तो नहीं ।