Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
17 Nov 2023 · 1 min read

आल्हा छंद

विधा,, आल्हा छंद
मापनी,,16-15 पर यति
प्रति पद 31मात्राऍ

=================
काम बुता में अब लग जावव
अब लूबोन खेत के धान ।
जुर मिल करपा बीड़ा लाबो
अनदाई के करबो मान।।

बैला गाड़ी दौंरी बेलन
अब देखे दिखे न जाय।
आय जमाना हार्वेस्टर के
अन कुंवारी घर न आय।

अब पुजा पाठ घलो नदागे
काठा पैली मिले न पाय।
रास बंधई काठा नपई
सब लोगन अब भुले जाय।

खार के खेती खारे खार
सीधा मंडी धान बेचाय।
वाह रे आदमी कलजुग के
पुरखौती नियम ल मेटाय।।

बबा जमाना ल सुरता करन
खाड़ी दस खाड़ी पुर जाय।
बारी बखरी घलो लगावय
जरूरत के फसल उपजाय।।

काला कइथे ग जिलो तिवरा
अब के लइका जान न पाय ।
कुलथी हिरवा मड़िया नदगे
कोदो अरसी खोज न पाय।।

गाय गरू अउ बैला भैंसा
पानी मोल बिकत हैं भाय।
गऊ चरागन भाठा टिकरा
दशो दिशा खोजें न पाय।।

मौलिक रचना
डॉ विजय कुमार कन्नौजे

समीक्षा हेतु प्रेषित 🙏🏻

Loading...