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14 Nov 2023 · 1 min read

2727.*पूर्णिका*

2727.*पूर्णिका*
🌷 अपनी चाहत पूरी हो जाए🌷
22 22 22 22 2
अपनी चाहत पूरी हो जाए।
बदले फितरत नूरी हो जाए।।
दौर नया है देखो आज यहाँ ।
जीना भी मजबूरी हो जाए ।।
चलते मंजिल की राह दिखाते।
नजदीक जहाँ दूरी हो जाए ।।
यूं फूल खिले और चमन महके।
अब ना मन्नत अधूरी हो जाए।।
संभल कर ये पांव रखे खेदू।
कब क्या काम जरूरी हो जाए ।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
14-11-2023 मंगलवार

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