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5 Nov 2023 · 1 min read

अनुभव

कैसे कैसे लोग जहां में यहां वहां मिलते हैं।
जैसे जैसे जीवन यात्रा हमसब तय करते हैं।।

कुछ हंसकर के, तो कुछ रो रोकर मिलते है।
मिलकर कुछ से हम भी खूब ही खिलते हैं।।

भिन्न भिन्न लोगों में तो व्यवहार भिन्न होगा ही।
कुछ से खिन्न अगर तो कुछ से प्रसन्न होगा ही।।

अच्छे की ही चाह अगर, तब तो आप स्वार्थी है।
जीवन की मंगल यात्रा में आप एक विद्यार्थी हैं।।

अच्छा-बुरा यहां सब होगा, इसमें कहां विवाद है।
समता मूलक समाज हो, ये सत्य नहीं अपवाद है।।

सार और थोथा होगा सब, केवल सार न संभव है।
सार परखना चुनना ही तो,’संजय’ जीवन अनुभव है।।

जै हिंद

Language: Hindi
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