Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Nov 2023 · 1 min read

2676.*पूर्णिका*

2676.*पूर्णिका*
उमड़ आया सैलाब देखो
2122 2212 2
उमड़ आया सैलाब देखो।
आज दुनिया बेताब देखो।।
सोच बदले आगे बढ़े हम ।
जिंदगी रोज गुलाब देखो ।।
पाक दामन अपना यहाँ है ।
हाथ कितने तेजाब देखो ।।
जान कर भी नादान है सब ।
खूबसूरत न मसाब देखो।।
ये हवा बहती प्यार के खेदू।
लगन देती न हिसाब देखो।।
………✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
03-11-23 शुक्रवार

320 Views

You may also like these posts

आज तू नहीं मेरे साथ
आज तू नहीं मेरे साथ
हिमांशु Kulshrestha
'वर्क -ए - ' लिख दिया है नाम के आगे सबके
'वर्क -ए - ' लिख दिया है नाम के आगे सबके
सिद्धार्थ गोरखपुरी
!! हे उमां सुनो !!
!! हे उमां सुनो !!
Chunnu Lal Gupta
रेत मुट्ठी से फिसलता क्यूं है
रेत मुट्ठी से फिसलता क्यूं है
Shweta Soni
2698.*पूर्णिका*
2698.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अपने और पराए की पहचान
अपने और पराए की पहचान
Sonam Puneet Dubey
मुझे ना पसंद है*
मुझे ना पसंद है*
Madhu Shah
हिसाब क्या रखना
हिसाब क्या रखना
Jyoti Roshni
जब तुम नहीं कुछ माॅंगते हो तो ज़िंदगी बहुत कुछ दे जाती है।
जब तुम नहीं कुछ माॅंगते हो तो ज़िंदगी बहुत कुछ दे जाती है।
Ajit Kumar "Karn"
जब किसी देश में आम जनता की औसत आमदनी प्रति दिन कम और रोज़मर्
जब किसी देश में आम जनता की औसत आमदनी प्रति दिन कम और रोज़मर्
Rj Anand Prajapati
जाती हुई सर्दियां
जाती हुई सर्दियां
aestheticwednessday
पढ़ो और पढ़ाओ
पढ़ो और पढ़ाओ
VINOD CHAUHAN
मित्रता की परख
मित्रता की परख
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
जब दिल लग जाये,
जब दिल लग जाये,
Buddha Prakash
अच्छे   बल्लेबाज  हैं,  गेंदबाज   दमदार।
अच्छे बल्लेबाज हैं, गेंदबाज दमदार।
गुमनाम 'बाबा'
" यादें "
Dr. Kishan tandon kranti
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
Johnny Ahmed 'क़ैस'
हिंदी भाषा नही,भावों की
हिंदी भाषा नही,भावों की
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"सबका नाश, सबका विनाश, सबका सर्वनाश, सबका सत्यानाश।"
*प्रणय*
रानी दुर्गावती (रोला छंद)
रानी दुर्गावती (रोला छंद)
guru saxena
सावन की बौछार ने,
सावन की बौछार ने,
sushil sarna
*हुई हम से खता,फ़ांसी नहीं*
*हुई हम से खता,फ़ांसी नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रमेशराज के चर्चित राष्ट्रीय बालगीत
रमेशराज के चर्चित राष्ट्रीय बालगीत
कवि रमेशराज
शहीदों को नमन
शहीदों को नमन
Dinesh Kumar Gangwar
* जगो उमंग में *
* जगो उमंग में *
surenderpal vaidya
मां शारदे!
मां शारदे!
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
Sandeep Kumar
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जतन
जतन
सोबन सिंह रावत
पुराना साल-नया वर्ष
पुराना साल-नया वर्ष
Arun Prasad
Loading...