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15 Oct 2023 · 1 min read

शेष न बचा

कल गया था मैं उस पगडंडी को देखने,
गुजारा था बचपन उन गलियों को देखने,
चहुं ओर जंगल सीमेंट कंक्रीट का मिला,
अब कुछ भी शेष ना रह गया था देखने।

इंजी संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश
9425822488

1 Like · 291 Views
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