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12 Oct 2023 · 1 min read

मन में क्यों भरा रहे घमंड

इस समूचे ब्रह्मांड के
हम इक छोटे से पिंड
फिर भी ना जाने मन
में क्यों भरा रहे घमंड
राम कृपा से मिली है
यह पंचभूत रचित देह
फिर भी हम नहीं रखते
सब जीवों के प्रति स्नेह
सबको पता है एक दिन
तय इस वसुधा से विदाई
फिर भी सब लगे करने में
इत ऊत से अंधाधुंध कमाई
हे ईश्वर देना सब जीवों को
इतना सन्मति और विवेक
अपनी भूमिका को पहचान
करें ना वो औरों से अतिरेक

Language: Hindi
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