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7 Oct 2023 · 1 min read

– जीवन की यह रेलगाड़ी –

-जीवन की यह रेलगाड़ी-

कभी है सुख तो कभी है दुःख ,
जहा एक स्टेशन पर आते ही यात्री उतर जाते है,
उसी स्टेशन से फिर दूसरे यात्री रेल पर चढ़ जाते है,
कुछ छूट जाता है कुछ मिल जाता है,
रोज की तरह ही दिनचर्या होती है इसके यात्रियों की,
इस जीवन की रेल में उतार चढाव करना पड़ता है,
रोज उतरना रोज चढ़ना पड़ता है,
एक जगह से दूसरी जगह पर रोज जाना पड़ता है,
जीवन की इस रेलमपेल से,
रोज निकालना पड़ता है,
यह जीवन है सांसों का गढ़जोड़,
जेसे रेल के डिब्बे जुड़े हो एक दूजे की और,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान संपर्क-7742016184 –

Language: Hindi
108 Views

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