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15 Sep 2023 · 1 min read

“आज मैंने”

“आज मैंने”
आज मैंने
माँ की फटी साड़ियाँ देखी
तब सोचने लगा
क्या इन्हीं साड़ियों में
छुपती है ममता की छाँव?
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति

14 Likes · 8 Comments · 237 Views
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