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13 Sep 2023 · 1 min read

शिवा कहे, "शिव" की वाणी, जन, दुनिया थर्राए।

शिवा कहे, “शिव” की वाणी, जन, दुनिया थर्राए।
हिन्द देश के वासी हो फिर, “ह्रदय” क्यों बोराए।

नेता भी अब दाता बन गए, सारा देश निगलकर,
खाक हुए मिट्टी में मिल गए, सारे सपने जलकर।

लोक लाज बिकाऊ हो गई, अनपढ़ बोली लगावे,
धन्य – धन्य ये “देश” है मेरा, दूजा घर को चलावे।

उन्नत अब ये देश बन रहा, ‘पीएम’ के सानिध्य में,
भारत ही अब नाम हो इसका, गूंजे ‘ह्रदय’ मध्य में।

✍️ ~ SPK Sachin Lodhi

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