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10 Sep 2023 · 1 min read

श्रद्धावान बनें हम लेकिन, रहें अंधश्रद्धा से दूर।

श्रद्धावान बनें हम लेकिन, रहें अंधश्रद्धा से दूर।
जाँच-परख आचरण की करें, तब श्रद्धालु बनें भरपूर।।
कितने ही ढोंगी पाखण्डी, करते श्रद्धा का दोहन,
उनसे बचें, बचाएँ जग को, कर सकते हैं वे मजबूर।।

महेश चन्द्र त्रिपाठी

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