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29 Aug 2023 · 1 min read

पुण्य आत्मा

पुण्य आत्मा

सुनकर देखो तन के अंदर
कोई दिल अंदर बोल रहा
पुण्य आत्मा जग जाहिर है
सत्य बात को जो खोल रहा

समझ रहा है मिट्टी का मुरत
बस इसी बात पर कायल हूं
मिट्टी का ही मुरत हूं नही मैं
आत्म देव तो अंदर कायम हूं

ढका हुआ हूं जिस आवरण से
उसको ही है तू देख रहा
देश द्रोही और आतंकवादी को
नष्ट-भ्रष्ट करनें तू भेज रहा

नश्वर शरीर न समझ मुझको
अंदर से है कोई बोल रहा
पुण्य आत्मा जो परम पिता है
आत्मज्ञान को है जो खोल रहा

क्यों बुला रहा है मौत अपना
क्यों तन अग्नि में झोंक रहा है
नश्वर देह,अमर है आत्मा
अंदर से कोई बोल रहा है

देश द्रोह आतंकवाद ,गुंडागर्दी
किस कारण तू करता है
अंधकुप , महासागर में क्यों
पाप गठरियां लेके मरता है

सुनकर देखो तन के अंदर
अंदर से है कोई बोल रहा
पड़ा रहेगा तू मिट्टी बनकर
मिट्टी का क्या मोल रहा

डां, विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ ग

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