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28 Aug 2023 · 1 min read

आस्था

सच तो हमारी आस्था ही होती हैं।
हम सभी पत्थर में भगवान् पूजते हैं।

हमारे मन भावना में आस्था रहती हैं।
जिंदगी तो एक विश्वास से होती हैं।

हम सभी मंदिरों में आस्था रखते हैं।
मन और सोच हमारी रहतीं हैं।

आस्था हमारे मन को सहयोग करती हैं।
आज आधुनिक समय में सुकून देती हैं।

सुख दुःख में शक्ति तो आस्था होती हैं।
ईश्वर के साथ साथ हमारे मन भाव होते हैं।

सच हमारे मन की आस्था ही सच कहती हैं।
बस कुदरत के साथ विधि-विधान रहता हैं।

हां आस्था ही मानवता की उम्मीद होती हैं।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

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