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26 Aug 2023 · 1 min read

चाँद की राखी

चाँद की राखी
-ओम प्रकाश नौटियाल

माँ धरा की राखी ले,
करके लम्बी सैर,
मामा के सहन उतरा ,
धीमे से धर पैर,

धीमे से धर पैर ,
भाँजा चाँद पर उतरा,
चकित हो गया देख,
घर ऐसा साफ सुथरा,

विक्रम होकर प्रसन्न ,
सोचे मैं आया कहाँ,
नभ को रही निहार ,
उधर चिंतातुर सी माँ !!
-ओम प्रकाश नौटियाल

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