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25 Aug 2023 · 1 min read

** हद हो गई तेरे इंकार की **

** हद हो गई तेरे इंकार की **
*************************

हद हो गई तेरे इंकार की,
कीमत नहीं कोई इकरार की।

मिलकर अगर होनी थी दूरियाँ,
यूं क्या जरूरत थी गोहार की।

तुम बिन हमारा ना है आसरा,
बाते करो ना तुम तकरार की।

रुकते कदम फिर चलते हैँ नहीं,
दो बोल बोलो तो तुम प्यार की।

तुमसा नहीं कोई देखा सनम,
बेशक जुबां जैसे तलवार की।

प्यारी सखा मनसीरत है खफ़ा,
खुशियाँ बिछा दूँ मै संसार की।
************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)

1 Like · 454 Views

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