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28 Jul 2023 · 2 min read

"रानी पद्मावती"

“कई खूबसूरत चीजें हैं, का क्या मतलब?” सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने जानना चाहा।

राघव चेतन बोलता चला गया- जहांपनाह, चित्तौड़गढ़ के राजा रतन सिंह उर्फ रतन सेन की पत्नी पद्मिनी अत्यन्त खूबसूरत है। सच तो यह है कि वह खूबसूरती का पर्याय है। उसे देख ले तो जन्नत की हूर भी शरमा जाए। पद्मिनी के काले लम्बे बालों की चोटी घुटनों तक लरज रही है। संगमरमरी बदन पर नीली आँखें ऐसी हैं, मानो किसी डिजाइनर ने चिराग में नीलम रख दिए हों। उनकी सुन्दर नाक, लम्बी गर्दन, गुलाबी होंठ जैसे नाप लेकर ही तराशे गए हों, रत्ती भर कम न ज्यादा। उन्नत उरोज, पतली कमर मानो हिरनी का प्रतिरूप हों। जो उसे देख ले तो बस देखते ही रह जाए।

जहाँ तक राजा रतन सेन की बात है, वह आपके सामने शक्ति और सामर्थ्य में कुछ नहीं।

सप्ताह भर बाद सम्राट अलाउद्दीन खिलजी अपनी सैन्य टुकड़ी के साथ चित्तौड़ की सरहद पर था।… खिलजी के सैनिकों ने चित्तौड़गढ़ के किले की चारों ओर से घेराबन्दी की। अन्ततः राजा रतन सेन को किले का द्वार खोलकर युद्ध लड़ना पड़ा। युद्ध के दौरान राजा रतन सेन सहित अनेक सैनिक मारे गए।

रानी पद्मावती और बाकी दासियों को जब राजा की मौत के बारे में पता चला तो रानी ने कहा- “सुनो… सुनो, ऐ वीरांगनाओं, हमारे समक्ष केवल दो ही विकल्प है- या तो हम जौहर करके शान्ति प्राप्त कर लें अथवा सुल्तान और उसकी सेना का निरादर सहें।”

वहाँ पर उपस्थित लगभग सोलह सौ वीरांगनाओं की आवाज एक स्वर में गूंज उठी- “हमें अपनी अस्मिता और आत्मसम्मान प्यारा है। हम जौहर करेंगे। फिर रानी सहित सभी महिलाओं ने विशाल चिता जलाकर उस अग्निकुण्ड में कूद कर अपने प्राणों की आहुति दे दी।

जब चित्तौड़गढ़ के पुरुषों को इस घटना का पता चला तो उन्हें लगा कि अब उनके पास जीने का कोई मकसद नहीं है, इसलिए वे मरते दम तक सिर में कफ़न स्वरूप पगड़ी बांधकर खिलजी सैनिकों का सामना करते रहे। वे सभी बहादुरी से लड़े और अन्ततः युद्ध में मारे गए।

इसप्रकार सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़गढ़ में विजय प्राप्त कर अब रानी को प्राप्त करने की चाह लिए हुए रनिवास की ओर जाने हेतु अन्दर प्रवेश किया तो वहाँ पर आग और जली हुई हड्डियों के सिवा अगर कुछ था, तो वह था- खौफ़नाक मंजर और श्मशानी सन्नाटा।

सच में, नारी सब कुछ कर सकती है, लेकिन अपनी इच्छा के विरुद्ध प्रेम नहीं कर सकती। चित्तौड़गढ़ की वीरांगनाओं का जौहर इस बात की गवाही दे रहा था।

-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
अमेरिकन (USA) एक्सीलेंट राइटर अवार्ड प्राप्त।
(ग्राम्य-पथ : कहानी-संग्रह से… कुछ अंश)

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