मेरे स्कूल के मित्र
मित्र एक प्राणी विचित्र,
जिसके मुख में कड़वाहट मगर,
हमारे प्रति सदा ही पाक रखता चरित्र,
यह एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसके सामने हम खुलकर रह सकते हैं, हँस-बोल सकते हैं।
यह एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसे हमारी गाली भी उपदेश लगने लगती है।
उस प्राणी को हम सिर्फ़ एक दिवस के लिए समर्पित कैसे करें,
उस विचित्र स्वभाव वाले मित्र के साथ तो हर दिन बिताने में अलग ही आनंद आता है।
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ऐसे ही मेरे मन में सन् 2018 का एक संस्मरण याद आता है बात तब की है जब मैं और विचित्र स्वभाव वाले मेरे मित्र 12 वीं कक्षा में थे, उस समय 12 वीं का विद्यार्थी स्कूल का सबसे सीनियर होने का रौब दिखाता था, 12 वीं साइंस वालों का अलग ही ओहदा था स्कूल में धीरे-धीरे वह समय भी निकलता जा रहा था प्री बोर्ड होने की तैयारी जोरों से चल रही थी, और इधर हम फेयरवेल की तैयारी में लगे हुए थे, इसी बीच एक दिवस हम सभी मित्रों को शरारात सूझी और हमें उस दिन स्कूल की क्लास बंक कर के पान खाने का मन हुआ और हम पास वाले पान ठेले पर पहुंच गए वहाँ हमारे बाॅयो के शिक्षक से अप्रत्याशित मुलाकात हो गई और हम पान खा चुके थे हम न तो उनसे बोल पा रहे थे और न ही दुकान से दूर जा पा रहे थे, क्योंकि दुकानदार ने हमें पैसे वापस नहीं लौटाए थे फिर कुछ समय बाद हम स्कूल की ओर वापस जा ही रहे थे जैसे ही कक्षा के निकट पहुंचे कि मेरे एक मित्र को जोर से दीर्घशंका लगी हम लोग स्कूल से फिर वापस तालाब की ओर भागे और गर्मी के शुरूआती दिनों में पानी भी कम था।और हम तालाब के इर्द-गिर्द घूमते हुए आखिरकार पानी हमें मिलता है और मेरा मित्र अपना काम सफलतापूर्वक संपन्न करने के पश्चात प्रसन्नता पूर्वक व्यंग्यात्मक लहजे में मुझसे कहता है भाई अभिषेक चलो एक बार और पान का मज़ा लिया जाए फिर हम तीनों दोस्त फिर से पान चबाते हुए कक्षा की ओर बढ़ते हैं, जैसे ही हम कक्षा के निकट पहुंचते हैं वैसे ही छुट्टी की घंटी बज जाती है और सब अपने-अपने घर जाने के लिए दौड़ लगाते हैं। उस दिन हमने क्लास ही मिस नहीं किया बल्कि एक शानदार याददाश्त संजोया है जो एक बहुत खूबसूरत अनुभव है। जिनके साथ बैठकर हम दिन के 5-6 घंटे बिताते थे, अब उनसे महीने में कभी मुलाकात होती है। सभी मित्रों को मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। 🥳🎉
– अभिषेक श्रीवास्तव “शिवा”
– अनूपपुर मध्यप्रदेश