Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jul 2023 · 1 min read

मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है

मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है,
कि दुश्मन भी मुझे दुआ दे देते हैं।
मैं तो किस्मत पे भी भरोसा नहीं करता,
क्योंकि दोस्त भी मुझे दगा दे देते हैं।
ऐ जिन्दगी तुने तो मुझे,
शक करना भी सिखा दिया।
वर्ना मेरी फितरत ही नहीं थी,
किसी की भरोसे पर भरोसा न करना।
किसी से कोई गुनाह होती भी नहीं है,
और लोग हैं कि सजा भी दे देते हैं।
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है . . . . . .
मैं तो दूध में शक्कर की तरह ही,
मिल जाया करता हूं।
कुछ लोग ही हैं जो मीठे की जगह,
नमक मिला दिया करते हैं।
काम बिगाड़ने की फितरत जो लोगों में हो गई है।
इसलिए तो बेमतलब ही मुसीबत दे देते हैं।
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है . . . . . .
पल पल गिरगिट की तरह रंग बदलना,
इंसानी फितरत में शुमार है।
चतुर चालाक भेड़िया की तरह ही हैं,
जैसे सामने कोई मासूम शिकार है।
ऐसे जाल बुन लेते हैं लोग,
कि फंसा कर धोखा दे देते हैं।
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है . . . . . .
किसी के काम आना,
और उस एहसान का,
फायदा उठाना भी लोग जानते हैं।
मतलबी लोग हैं,
काम निकल जाये तो फिर,
बगल से गुजर जाओ कहां पहचानते हैं।
हर शख्स को इंसान समझ बैठे थे,
पर जहरीला इतना कि जहर दे देते हैं।
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है . . . . . .
NETAMRC

6 Likes · 327 Views
Books from नेताम आर सी
View all

You may also like these posts

शहर में ताजा हवा कहां आती है।
शहर में ताजा हवा कहां आती है।
करन ''केसरा''
सारी दुनिया में सबसे बड़ा सामूहिक स्नान है
सारी दुनिया में सबसे बड़ा सामूहिक स्नान है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
* संस्कार *
* संस्कार *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चुप्पियों के साए में जीते हैं हम सभी,
चुप्पियों के साए में जीते हैं हम सभी,
पूर्वार्थ
ज़िंदगी किसे अच्छी नहीं लगती ?
ज़िंदगी किसे अच्छी नहीं लगती ?
ओनिका सेतिया 'अनु '
स्त्रीलिंग...एक ख़ूबसूरत एहसास
स्त्रीलिंग...एक ख़ूबसूरत एहसास
Mamta Singh Devaa
***
*** " गुरु...! गूगल दोनों खड़े काके लागूं पांय् .....? " ***
VEDANTA PATEL
व्यथा
व्यथा
Dr.Archannaa Mishraa
Sydney Assignment Writers: Why Local Expertise Makes a Difference
Sydney Assignment Writers: Why Local Expertise Makes a Difference
Steve Austin
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जो समझ में आ सके ना, वो फसाना ए जहाँ हूँ
जो समझ में आ सके ना, वो फसाना ए जहाँ हूँ
Shweta Soni
मैं कोशिशों पर बार -बार लिखता हूँ ! मैं दोस्तों पर ऐतबार लिखता हूँ !
मैं कोशिशों पर बार -बार लिखता हूँ ! मैं दोस्तों पर ऐतबार लिखता हूँ !
Ravi Betulwala
कहाँ लिख पाया!
कहाँ लिख पाया!
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
हर दिल खूबसूरत है
हर दिल खूबसूरत है
Surinder blackpen
"लाचार मैं या गुब्बारे वाला"
संजय कुमार संजू
सुनो ये मौहब्बत हुई जब से तुमसे ।
सुनो ये मौहब्बत हुई जब से तुमसे ।
Phool gufran
■ कामयाबी का नुस्खा...
■ कामयाबी का नुस्खा...
*प्रणय*
23/82.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/82.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सीमा पार
सीमा पार
Dr. Kishan tandon kranti
Just be like a moon.
Just be like a moon.
Satees Gond
Activities for Environmental Protection
Activities for Environmental Protection
अमित कुमार
अवध में दीप जलायेंगे
अवध में दीप जलायेंगे
Kavita Chouhan
क्षण भर पीर को सोने दो .....
क्षण भर पीर को सोने दो .....
sushil sarna
शीर्षक – फूलों सा महकना
शीर्षक – फूलों सा महकना
Sonam Puneet Dubey
एक ऐसा किरदार बनना है मुझे
एक ऐसा किरदार बनना है मुझे
Jyoti Roshni
माहिया - डी के निवातिया
माहिया - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
ज़िंदगी सौंप दी है यूं हमने तेरे हवाले,
ज़िंदगी सौंप दी है यूं हमने तेरे हवाले,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मजदूर हूँ साहेब
मजदूर हूँ साहेब
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मुक्तक -
मुक्तक -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मन खग
मन खग
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
Loading...