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15 Jun 2023 · 1 min read

पाखंड को विराम

पाखंड को विराम,
निसर्ग को सलाम,
त्यागी अब्दुल कलाम,
लगे पाखंड को विराम,
शरीर को मिले विश्राम,

बातें भगवत दर्शन की,
विज्ञापन कामुक होते है,
भोजन शुद्ध शाकाहारी,
भेंट चढ़े बकरा पत्र भक्षणहारी,

किस विध फंसे, जाल मछली,
आयोजन विविध रखते हैं,
शुद्धिकरण तन मन नामक,
ध्यान धन पर रखते हैं,

हर रोज रखे या कभी कभी,
रोजा के अर्थ, कहाँ समझते हैं,
भौगोलिक स्थिति चाँद की,
नाम ईंद पर रमजान रखते हैं,

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