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14 Jun 2023 · 1 min read

धरती की गोद में

धरती की गोद में,
समाया सारा संसार।
जीवनदात्री तू है सबकी,
उठाया जग का भार।।

तेरी गोद में खेले,
कल-कल करती नदियाँ।
वक्ष पर तेरे बनी,
जाने कितनी पगडंडियाँ।।

ऊँचा खड़ा हिमालय,
तेरी ममता की छांव में।
सरल-स्नेह-सुधा बरसती,
जननी तेरे गांव में।।

रत्न-गर्भ में संचित कर,
रत्नगर्भा कहलाई।
अनुपम छवि प्रकृति ने,
तेरे कण-कण से पाई।।

ओ धरती माँ!सबकी,
तू है जीवन-आधार।
तेरी रज-कण में बसता,
स्वास्थ्य, समृद्धि अपार।।

तेरी गोद में करते,
खग-कुल कलरव।
तेरे बिन जन-जीव का,
होगा जीवन नीरव।।

-शालिनी मिश्रा तिवारी
( बहराइच,उ०प्र० )

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