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13 Jun 2023 · 1 min read

वर्षा रानी⛈️

शीर्षक – वर्षा रानी

इठलाती मदमाती देखो, आई वर्षा रानी।
पल भर में फैला है चहुं दिश, देखो पानी – पानी॥०॥

गर्जन करते मेघ आ रहे, बिजली चमके भारी।
घिर आई घनघोर घटाएं, छाई है अंधियारी॥
नाचे मोर खुशी हो वन में, देखो अजब रवानी।
इठलाती मदमाती देखो, आई वर्षा रानी॥१॥

धरती ने मुस्कान बिखेरी, नूतन रूप संवारा।
कृषकों के हर्षित हैं चेहरे, कितना सुखद नजारा॥
दुल्हन सी लगती है वसुधा, ओढ़ चुनरिया धानी।
इठलाती मदमाती देखो, आई वर्षा रानी॥२॥

पानी है अनमोल, इसे न, व्यर्थ ही बहने देना।
रखना संचित करके या फिर, भूमिगत कर लेना॥
‘अंकुर’ चूके यदि यह मौका, तो होगी कठिन कहानी।
इठलाती मदमाती देखो, आई वर्षा रानी॥३॥

-✍️ निरंजन कुमार तिलक ‘अंकुर’
जैतपुर, छतरपुर मध्यप्रदेश
मोबाइल नं – 9752606136

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