Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
12 Jun 2023 · 1 min read

❤️🌺मेरी मां🌺❤️

🙏🏻मेरी मां🙏🏻
मेरा जीवन मेरी मां,
मेरा धन है मेरी मां।
हर गम को हर लेती है,
शीतल छाया मेरी मां॥

जिसने मुझको जन्म दिया,
पाला पोसा बड़ा किया।
अपना सब सुख चैन गंवाकर,
ममता का वरदान दिया।
जब उलझन में घिर जाता हूं,
पार लगाती मेरी मां।
हर गम को हर लेती है,
शीतल छाया मेरी मां॥

जिसने चलना मुझे सिखाया,
आदर्शों का पाठ पढ़ाया।
गीले बिस्तर पर खुद लेटी,
हमको सूखे में सदा लिटाया।
सहकर धूप हमें दी छाया,
कितनी भोली मेरी मां।
हर गम को हर लेती है,
शीतल छाया मेरी मां॥

करुणा की मूरत है यूं तो,
पर संकट में दुर्गा भी है।
सौम्य – रौद्र का अद्भुत संगम,
सृष्टा भी मां श्रृष्टि भी है।
मेरी पहली मित्र, गुरु वह,
सबसे प्यारी मेरी मां।
हर गम को हर लेती है,
शीतल छाया मेरी मां॥

माना अब हम बड़े हो गए,
फिर भी फ़िक्र वो करती है।
अपने लिए कभी न जीती,
मेरे सब दुःख हरती है।
अपना जीवन गंवा के अंकुर,
मुझमें जीती मेरी मां।
हर गम को हर लेती है,
शीतल छाया मेरी मां॥

-✍️ निरंजन कुमार तिलक ‘अंकुर’
छतरपुर मध्यप्रदेश 9752606136

Loading...