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11 Jun 2023 · 1 min read

आम्बेडकर ने पहली बार

इस महामानव ने
वर्णाश्रयीयों के चुंगल और आत्मघाती धार्मिकता से
वैज्ञानिक सोच, स्वस्थ एवं खुद्दार जीवन की ओर मोड़ सकने का
वाया भारत का संविधान रास्ता दिया था
रास्ता जो मनुष्य बनने की कुंजी थमाता है

जिस दिन उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया
उस दिन उनका मानववाद थोड़ा प्रैक्टिकल बना
बौद्ध धर्म में समाई अवैज्ञानिकता के अनुपात में

अपने जन्म धर्म में पैठे विषैले जात जहर को
पाटने का कोई रास्ता न पा सके वे
और कमतर जात जहर का रास्ता अख्तियार किया
रास्ते में मोड़ पाने की जगह
मुड़ना जरूरी नहीं
सीधे रास्ते भी चला जाया जा सकता था
जिस दिन फाँसी दी गई।

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