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27 May 2023 · 1 min read

हर जगह तुझको मैंने पाया है

(15)
इश्क़ मुझको कहां पर लाया है।
हर जगह तुझको मैंने पाया है।।

जानते हैं. यह हो नहीं सकता ।
भूल जाने की ज़िद तो ज़ाया है ।।

खुद पर करके गुरूर क्या करते ।
खत्म हो जानी यह तो काया है ।।

बात दुनिया की कर नहीं सकते ।
धोखा खुद से भी हमने खाया है ।।

इश्क़ मुझको कहां पर लाया है ।
हर जगह तुझको मैंने पाया है ।।

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