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27 May 2023 · 1 min read

मेरी पलकों पे ख़्वाब रहने दो

(13)
ज़िन्दगी बे’जवाब रहने दो।
मेरी पलकों पे ख़्वाब रहने दो।।

खुद की इस्लाह कर सकूं मैं भी ।
मुझको कुछ तो खराब रहने दो ।।

इतने ज़यादा गुनाह नहीं अच्छे ।
कुछ तो बाकी सवाब रहने दो ।।

देख लो एक नज़र मुझे यूँ ही ।
मुझमें शामिल शबाब रहने दो ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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