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26 May 2023 · 1 min read

दाना

दाना
—–
माना दाना छोटा होता,
बिन दाना नहीं दाना।
बरगद पीपल पाकड़ महुआ,
जन्म देत एक दाना।

तना डाल पत्ते जड़ कलियां,
फूल फली फिर दाना।
लम्बा गोल लघु नन्हा सा,
जिसमें अरण्य समाना।

एक दाने से कितने दाने,
दाने से फिर दाना।
हर दाने में दाना बसता,
दाना बनता दाना।

दाना दाना माला बनती,
भोजन दाना दाना।
पढ़ना दाना लिखना दाना ,
हँसना रोना दाना।

दुख है दाना सुख है दाना,
घर में उत्सव दाना।
अभिनय दाना नर्तन दाना,
सुर में गाना दाना।

दाना मिटकर दाना बनता।
दाना खोना पाना ।
जीवन सूना न हो दाना,
जग में पाना दाना।

पन आरम्भ किया है दाना।
अंत करेगा दाना।
कदर करो दाने की सदैव,
जब तक पानी दाना।

सृजन दाना दाना देता,
बिन दाना नहीं दाना।
माना दाना छोटा होता,
बिन दाना नहीं दाना।

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