Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
27 Apr 2023 · 1 min read

"कब तक हम मौन रहेंगे "

“ कब तक हम मौन रहेंगे ?”
डॉ लक्ष्मण झा परिमल
=================
आखिर शिथिलता
के दौर
से कब निकलेंगे
स्तब्धता ,मौनता
और असंवेदनशीलता
को कंधों पर
कब तक ढोयेंगे ?
निरीह नारी
अवला लाचार
को हम
तार -तार करते हैं
उसकी रक्षा के
लिए हम मूक
अकर्मण्य और
लाचार बनते हैं
आखिर शिथिलता
के दौर
से कब निकलेंगे
स्तब्धता ,मौनता
और असंवेदनशीलता
को कंधों पर
कब तक ढोयेंगे ?
न्याय ने अब
अपनी आखों में
दोहरी काली
पट्टी कसके
डाल रखी है
न्याय तो अब
सड़क पर भीडतंत्रों
ने अपने हाथों में
संभाल रखी है
आखिर शिथिलता
के दौर
से कब निकलेंगे
स्तब्धता ,मौनता
और असंवेदनशीलता
को कंधों पर
कब तक ढोयेंगे ?
असमानताओं की
गहराइयाँ
बढ़ती जा रही है
मंहगाईयाँ हमारी
कमर की
कचूमर निकाल रही है
आखिर शिथिलता
के दौर
से कब निकलेंगे
स्तब्धता ,मौनता
और असंवेदनशीलता
को कंधों पर
कब तक ढोयेंगे ?
बातें जनहित की
यहाँ कोई
कभी करता नहीं है
कोई अपने
वादों को कभी
पूरा करता नहीं है
आखिर शिथिलता
के दौर
से कब निकलेंगे
स्तब्धता ,मौनता
और असंवेदनशीलता
को कंधों पर
कब तक ढोयेंगे ?
मौलिक बातों को
अपनी जुवान
पर लाना होगा
प्रभातफेरि करके
समाज में अलख
जगाना होगा
आखिर शिथिलता
के दौर
से कब निकलेंगे
स्तब्धता ,मौनता
और असंवेदनशीलता
को कंधों पर
कब तक ढोयेंगे ?
=============
डॉ लक्ष्मण झा” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत
27.04.2023

Loading...