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21 Apr 2023 · 1 min read

आराधन

कुण्डलिया छंद
विषय-आराधन

पूरी होगी साधना, करो शारदा ध्यान।
हो सच्ची आराधना,मात भरे नित ज्ञान।
मात भरे नित ज्ञान, कृपा से झोली भर लो।
जगत मिले सम्मान,भाल‌ ज्योतिर्मय कर लो।
नित छंद अलंकार, सजी‌ रचनाएं जरुरी।
हो सरगम‌ झंकार, गीत से रचना पूरी ।।

मानव जीवन हो भला, नित आराधन ईश।
सुख सागर मे हो पला, भगवत हो आशीश।
भगवत हो आशीश,रहे सुख-दुख मे ढलता
चिंता नहीं लवलेश,कृपा ईश्वर की पलता।
बहे प्रेम की गंग, मिटे विकार के दानव।
जो भजता नित ईश, भला हो‌ जीवन मानव।।

कर आराधन ईश से, मिटे हृदय विकार।
सुखी रहें इस देश में, हर मानव सरकार।।
हर मानव सरकार, का है देश से नाता।
सींचे सौ-सौ बार, देश हरियाला भाता।
रहे सदा खुश हाल, रहेगा सबसे बढ़कर।
झुके प्रेम से भाल, चरण में इसके आकर।।

ललिता कश्यप जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश

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