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8 Apr 2023 · 1 min read

कड़ियों की लड़ी धीरे-धीरे बिखरने लगती है

कड़ियों की लड़ी धीरे-धीरे बिखरने लगती है
परिजनों से दूर होकर सामाजिक स्तम्भ की नींव
हिलने लगती है !!@डॉ लक्ष्मण झा परिमल

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