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13 Jun 2023 · 1 min read

जीवन के गीत

मन अगर बैचेन है

तो गीत गा लूँगा

गीत गाकर के ,

उमंगों को जगा लूंगा,

गम के बादल घिरे है ,

बिजली कड़कती है ।

मै मगर ,उम्मीद का इक

सूरज उगा लूंगा ।

बहारों से मिलने को ,

यह दिल बेकरार है ।

मै पतझर में बहार के,

सपने सजा लूंगा।

देह कुछ थकी है,

पर मन है जवा- जवा ।

दिल की सरगम से ,

जीवन के गीत बना लूंगा ।

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