Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
12 Mar 2023 · 1 min read

"काहे का स्नेह मिलन"

“काहे का स्नेह मिलन”
क्यों हो गया है आज जमीर लुप्त सबका
बहाना बनाते स्नेह मिलन समारोह का
मकसद तो है अपने समाज का मिलाप
अभिनन्दन करते सिर्फ दान दाताओं का,
पहचान बनाते परिषद सादुलपुर समस्त
फैलाव करते हैं मात्र अपनी रिश्तेदारी का
पदों का आसन लगा काहे का स्नेह मिलन
उठ जाओ यहां से ये तरीक़ा अभिवादन का,
दान राशि अनुसार बोली का रवैया बदलता
नाटक करते हैं पहले श्रद्धानुसार शुल्क का
जेब भरी मोटी जिसने वो कहलाया वीआईपी
शेष को बाइज्जत रास्ता दिखाया पार्किंग का,
संकुचाहट के साथ क्यों बैठे हो तुम दबे दबे से
खुल के करो ना प्रचार अपने अपने समाज का
प्रयत्न करने से मोटी पेटियां भी भर ही जाएंगी
प्रति माह होगा जब कार्यक्रम स्नेह मिलन का।

Loading...