"माँ की ख्वाहिश"
“माँ की ख्वाहिश”
बेटा, अगर मिल जाए
शहर की किसी दुकान में
तो लेते आना मेरे लिए
फुरसत के कुछ पल
कि एक बार फिर से
अपनी ममता भरी हथेली से
तेरा सर सहला सकूँ,
तुम सबको हृदय के करीब पाकर
जरा मुस्कुराते हुए
मौत को गले लगा सकूँ।