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26 Feb 2023 · 1 min read

दुर -दुर

बीत गए कितने दिन,
बीत गयी कितनी राते,
दूर -दूर ओ रहते रहते है,
नही करते अब हमसे बाते।
दिल मे मेरे प्यार जगाकर ,
हमदर्दी का दीप जलाकर,
तोड़ दिए सब रिस्ते-नाते,
दूर -दूर ओ रहते है ,
नही करते अब हमसे बाते।

सुनील पासवान कुशीनगर

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