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26 Feb 2023 · 1 min read

"जाति"

“जाति”
ऐ जाति !
तू जाती क्यों नहीं,
अपने नाम के अनुरूप
तू ये काम कर,
सारी बेड़ियाँ तोड़
खुद को बन्धन मुक्त कर।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति

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