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13 Feb 2023 · 1 min read

धूप छांव

धूप छांव
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धूप छांव का क्या है
जो समझ में नहीं आता,
ये जिंदगी की बगलगीर है
क्या इतना पढ़ना भी नहीं आता?
ज़िन्दगी में खुश रहना है तो
धूप छांव से यारी कर लो,
क्योंकि तुम्हारी औकात नहीं है
जो इससे किनारा कर लो।
धूप छांव ही तो जीने का मजा देते हैं
बस! इनसे हंसकर तो मिलो।
इस जीवन का असली आनंद तोलो
और धूप छांव संग खूब जमकर खेलों।
हंसते हुए इनका भरपूर स्वागत करो
विदा करो तो हंसते मुस्कराते हुए करो,
सच मानो जीने का अंदाज बदल जायेगा
जीवन जीने का तब भरपूर मजा आयेगा।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश
८११५२८५९२१
© मौलिक, स्वरचित

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