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10 Feb 2023 · 1 min read

सही नहीं है /

:: सही नहीं है ::
——————-

यह जो
आपाधापी है
सिंहासन पा लेने की,
सही नहीं है ।

इसको पाया,
उसको खोया ।
कचरे को
कचरे से धोया ।
उदरम्भरि
अनात्म प्रगति की
माला में इक
मनका गोया ।

यह जो
गहमागहमी है
पद्मासन पा लेने की,
सही नहीं है ।

इसे समेटा
उसे लपेटा ।
दौड़-दौड़ कर
धरा चपेटा ।
तम-रजनी की
स्याह-सेज पर
चपल,धवल मन
औंधा लेटा ।

यह जो
अफरा-तफरी है
वज्रासन पा लेने की,
सही नहीं है ।

इसे उतारा,
उसे चढ़ाया ।
मौका ताका
दाँव लगाया ।
आगे बढ़तीं
शाखें तोड़ीं,
कली मसल दी,
पुष्प गिराया ।

यह जो
नोंचा-खोंची है
मकरासन पा लेने की,
सही नहीं है ।

गिरिजा काँपे,
मस्ज़िद टूटे ।
मंदिर की
प्राची हिल जाए ।
और मिले फिर
और मिले,
और मिले
पूरा मिल जाए ।

यह जो
जल्दी-जल्दी है
इंद्रासन पा लेने की,
सही नहीं है ।

यह जो
आपाधापी है
सिंहासन पा लेना की,
सही नहीं है ।
०००
—- ईश्वर दयाल गोस्वामी

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