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9 Feb 2023 · 1 min read

चाय जैसा तलब हैं मेरा ,

चाय जैसा तलब हैं मेरा ,
कभी गर्म – कभी ठंडा रंग है मेरा ,
भाप सा ही द्वंद यह,
कही चाय पत्ती तो कही यातना
सँघर्ष का मैदान यह
चाय जैसा तलब है मेरा ,
कभी गर्म तो कभी ठंडा
रंग हैं मेरा ।।

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