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31 Jan 2023 · 1 min read

दर्द जो आंखों से दिखने लगा है

दर्द जो आंखों में दिखने लगा है , वो कैसे छुपाएं।
आंसू पलक पर जमने लगा है ,वो कैसे छुपाएं ।

बात होंठों पर जो आकर ठहरी,वो कैसे बताएं।
उलझन जो आ जीवन में ठहरी,कैसे सुलझाएं।

ख़त जो हमने लिखा है तुमको,कैसे पहुंचाएं
रुठी है तुम बिन जो खुशियां, उन्हें कैसे मनाएं।

सवाल इतने हो गये जिंदगी में, जवाब कैसे पाएं
सजदा खुदा को ही तू कर ,तो बात बन जाए।

सुरिंदर कौर

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