Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
13 Dec 2022 · 1 min read

है स्वर्ग यहीं

जो कहना चाहते हो
बेझिझक कहिए
दिल के गुबार बाहर
निकालते रहिए

क्या मिल जायेगा यूं
घुट घुटकर जीने में
कहकर अपने दिल की बात
बस सुकून से रहिए

है स्वर्ग तो यहीं पर
स्वर्ग की सीढ़ी क्यों ढूंढना
क्यों भूल गया है तू
वो मां का आंचल ढूंढना

स्वर्ग में ऐसी अनुभूति कहां
मिलती खेलकर मिट्टी में जो
रह जाओगे वंचित उन रंगों से
दिखते दिलों के मिलने से जो

आसान राहों पर चलना अब
तेरी आदत रही नहीं
जाओगे स्वर्ग तो वहां तुम्हारे लिए
रहेगी कोई चुनौती नहीं

राह में जबतक न हो उतार चढ़ाव
नीरस हो जाता है वो सफ़र
स्वर्ग मिल जायेगा तुम्हें यहीं पर
ढूंढ लो एक प्यारा सा हमसफ़र

प्रभु भी आते हैं स्वर्ग से धरा पर
क्योंकि राधा का प्रेम मिलता है सिर्फ यहीं
रहते होंगे देवता स्वर्ग में आनंद से
लेकिन मां का प्यार मिलता है सिर्फ़ यहीं।

Loading...