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7 Dec 2022 · 1 min read

याद किसी की आई है

ऐ हवा रुक -रुक के चल ,
ए किसे छूकर आई है ।
मत कर छिन्न- भिन्न बदलो को,
तस्बीर उसकी बनाई है ।
ऐ वक्त थोड़ा ठहर जा ,
याद किसी की आई है ।

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